आप आए तो बहारों ने लुटाई ख़ुश्बू
फूल तो फूल थे काँटों से भी आई ख़ुश्बू
हमारी महफ़िल में लोग बिन बुलायें आते हैं,
क्योकि यहाँ स्वागत में फूल नहीं पलकें बिछाये जाते हैं.
शब्दों का वजन तो हमारे बोलने के भाव से पता चलता हैं, वैसे तो…!!
दीवारों पर भी ” Welcome ” लिखा होता हैं…
इस उम्मीद के साथभुलाके सारे गम,इस आयोजन काआओ हम करें Welcome.
शब्दों का वज़न तो हमारे
बोलने के भाव से पता चलता हे
वरना घर की दीवारों पर भी " welcome " लिखा हे।
दिल को सुकून मिलता है मुस्कुराने से,महफ़िल में रौनक छा गई आपके आने से.