कठिनाईयां और जीत एक दुसरे के पूरक हैं
जहाँ पर कठिनाई होगी वही जीत होगा और
जहाँ जीत होगा वही कठिनाई होगी.
"जिसे जीत लिए जाने का भय होता है. उसकी हार निश्चित होती है.
"कुछ देर से समझे.... वो पत्ते टूटे ही उड़ने के लिए है तो फिर हम तो इंसान है ||
चाहे जंग का मैदान हो या खेल का जीतता वही है जिसके पास अंत तक लड़ने की क्षमता होती है।
जितनी सकारात्मक सोच रखोगे उतने ही जीत के करीब पहुंचते रहोगे।
जीत केवल उसी को मिलती है जो केवल जीत का ही ख्याल अपने मन में रखता है।