जो बुझ गए रात में चरागों की लौ बढ़ाते हुए।
यूँ शक ना किया करो मेरी दोस्ती पेतुम्हारे बिना भी हम तुम्हारे ही रहते है
निगाहों की बात निगाहों से कर लिया करोमोहब्बत को नजर लगते देर नहीं लगती
सिर्फ अश्क ही गवाही दे सकते है मेरी
की दिल कितनी शिद्दत से याद करता है तुझे
मुझे बस वही समझ सकता है,जिसके पास मेरे जैसा दिल हो.