कितने वक़्त को हमने
मिलके हसीन बनाया था।
टूटे ख्वाबों को भी
मिलके सजाया था।
उन्हीं का वास्ता, मान जाओ
गुस्सा छोड़ दो और लौट आओ।
कैसे आपको हम मनाये बस एक बार बता दो,
मेरी गलती मेरा कसूर मुझे याद दिला दो !
खता हो गयी तो फिर सजा सुना दो,
दिल में इतना दर्द क्यूँ है वजह बता दो !
छोटी छोटी बातों पर नजर मत हुआ करो,
अगर गलती हो जाए तो माफ़ कर दिया करो।
अपने अतीत को एक चिट्ठी लिखना चाहता हूँ,
की गयी गलतियों की माफी लिखना चाहता हूँ।
अब तुम्हारे सॉरी का इंतज़ार नहीं होता,
सोचता हूँ मैं ही कह दूँ तुम्हें ” थैंक यू “।