चाँद की चिट्ठी भूले से सितारे के पते पहुँची थी,खुशियाँ पल दो पल ही सही वहाँ ठहरी थी,
आज फिर चाँद इतना उदास है,आज फिर तारे सोने लगे हैं,आज फिर तेरी दी हुई तन्हाई है,आज फिर हम रोने लगे हैं,
आकाश में जब तारों की बारात आती है,तब खूबसूरत रात और सुंदर ख्वाब लाती है।
कम पड़ गये थे उम्मीद के सितारे आसमान में
इसलिए हमने ज़मी रोशन कर दी अपने जहान में
सितारा शाम आई तेरी यादों के सितारे निकले
रंग ही गम के नही नक्श भी प्यारे निकले