सितम करने की आदत तुमको सही
हमको भी सहना आता है,
इंतज़ार न कर मेरी आहों का
हमको चुप रहना आता है!
सितम ख़ुद पे कितना ज़्यादा कर रहे हैं,
मेरे आंसू मुस्कुराने का वादा कर रहे हैं!
उनको भूले हुए अपने ही सितम याद आये,
जब उन्हें गैरो ने तड़पाया तो हम याद आये!
सितम जुदाई का सह नहीं पाता,वो मुझको दूर भेज कर, खुद भी रह नहीं पाता।
क्यों दिलों पर तुम यूँ सितम ढा रहे हो,
याद कर रहे हो और याद भी आ रहे हो!