सोचता हु हर कागज पे तेरी तारीफ करु,
फिर खयाल आया कहीँ पढ़ने वाला भी तेरा दीवाना ना हो जाए।
वो कहते हैं हम उनकी झूठी तारीफ़ करते हैं,
ऐ ख़ुदा एक दिन आईने को भी ज़ुबान दे दे।
मै तुम्हारी तारीफ के किस्से रोज लिखता हूँ.तेरी खूबसूरती बताने के लिए.एक किताब लिखता हूँ.
चाँद से भी खुबसूरत हो तुम.मेरी जिंदगी की जरुरत हो तुम.
बड़ी खुबसूरत हो तुम.देख कर फ़िदा हो उठेऐसी सूरत हो तुम.
तेरे खुबसुरती पे तो लाखों मरते होंगे,
लेकिन हम तेरी बाते सुनने के लिए तड़पते हैं।