दो बाते हो सकती है सनम तेरे इनकार की
या दुनिया से तू डरती है.. या कदर नही मेरे प्यार की
नादानी की हद तो देखों मेरे सनम की,मुझे खो कर, मेरे जैसा ढूंढ रही हैं.
सनम के बिना जीना अधूरी सी लगती हैं,ये जिन्दगी, जिन्दगी नही मजबूरी सी लगती हैं.
बिना आहत के इन आँखों से दिल में उतरते हो,वाह!!! सनम क्या लाजवाब इश्क़ करते हो.
बहुत खूबसूरत इस दुनिया के नजारे हो गये,जिस पल से ऐ सनम हम तुम्हारे हो गये.
दो बातें हो सकती है सनम तेरे इन्कार की,दुनिया का डर है या कद्र नहीं मेरे प्यार की.