किसी को मंज़िल की भूख है तो किसी
को पैसों की प्यास है पर सच कहूँ तो
मेरे लिए ये सफर ही ख़ास है।
जब भी सफर करो, दिल से करो,
सफर से खूबसूरत यादें नहीं होतीं।
मैं तो यूँ ही सफर पर निकला था,
एक अजनबी मिला और उसने
अपना बना लिया।
ये भी है कि मंजिल तक पहुंचे नहीं हैं हम,
ऐसा भी नहीं है कि सफर ख़त्म हो गया।
जूते महंगे हैं अब पर छोटा सा सफर है,
एक तरफ ऑफिस, दूसरी तरफ घर है।
यू ही हाथ थाम मेरा साथ निभाना,
जिंदगी का सफर संग है तेरे बिताना।