कोई अपना हमसे जब भी रूठ जाता है,
ऐसा लगता साथ रब छूट जाता है.
दो पल की ज़िन्दगी है
आ हंस-बोल के काट लें |
कितना मुश्किल है मनाना उस शख्स को
जो रूठा भी ना हो और बात
भी ना करे...
रूठना अगर तुम्हारी आदत है,
तो तुम्हें मनाना मेरा कर्तव्य है।
तुम हजा़र बार रूठोगी,
तो मैं लाखों बार मनाऊंगा |
आज मुझसे पूछा किसी ने कयामत का मतलब ,
और मैंने घबरा के कह दिया रूठ जाना तेरा |
रूठना अगर मुझसे तो ये जहन में रखना,
मनाना आदत नही हमारी और जुदा
हम रह नही सकते.