सात फेरों से तो,
महज शरीर पर हक मिलते हैं,
आत्मा में हक तो
रूह के फेरों से मिलते हैं !
अब तो शायद ही मुझसे मुहब्बत करेगा कोई,
तेरी तस्वीर जो मेरी आखों में साफ नजर आती है !
आज खुदा ने मुझसे कहा
भुला क्यों नहीं देते उसे
मैंने कहा इतनी फिक्र है
तो मिला क्यों नहीं देते !
Love You Dear !
कागज़ पर तो अदालत चलती हैं,
हमने तो तेरी आँखों के फैसले मंजूर किए हैं।
गमों को कुछ यूं भी हराया करों
तुम बेवजह मुस्कुराया भी करों….