मोहब्बत के नशे में जो आदमी चूर हो जाता है,
उसे मोहब्बत का फैसला मंजूर होता है.
जिक्र तेरा हैं, या कोई नशा हैं,
जब जब होता हैं, दिल बहक जाता हैं,
प्यार का नशा हो या दारू का नशा मगर चड्ती जरूर है,
प्यार धोका दे जाती है साली दारू कभी धोका नहीं देती.
इश्क़ का ही तो नशा होता है वर्ना…कौन कमबख्त सुनसान रास्तो पर मुस्कुराता है!
है नशा जायज़ नहीं तू आंखें मिलाना छोड़ दे…ये मयकशी अच्छी नहीं तू मयकदे जाना छोड़ दे!
खामोशी एक नशा है,और मैं नशे में हूं…!!