नज़र और नसीब में भी क्या इत्तफ़ाक़ हैनज़र उसे ही पसंद करती है जो नसीब में नही होता
नसीबों के खेल अजीब होते है,
चाहने वालो को आँसु ही नसीब होते है,
कौन चाहता है अपनों से दूर होना,
पर अक्सर बिछड़ जाते है,
वो जो दिल के करीब होते है…!
नसीब से हार गए वरना
मोहब्बत दोनों कि सच्ची थी
मेरे नसीब में नहीं तो कोई गिला नही,मैं सोच लूँगा कि वो मुझसे मिला नही।
ये दिल भी उसी की ज़िद करता है,जो नसीब में नहीं होता है।
तुम दूर हो मगर
दिल के बहुत करीब हो,
शायद तुम्हें एहसास नही
कि तुम मेरा नसीब हो।