ना ज़रूरत उसे पूजा और पाठ की,
जिसने सेवा करी अपनी माँ-बाप की।
जीवन में दो बार ही माँ बाप रोते हैं,
जब बेटी घर छोड़े, तथा बेटा मुह मोड़े।
चाहे लाख करो तुम पूजा और तीर्थ करो हजार,
अगर माँ बाप को ठुकराया तो सब ही हैं बेकार।
मेरी दुनिया में इतनी जो शौहरत हैं,
मेरी माता पिता की बदौलत हैं।
माँ बाप का जीवन में कुछ ऐसे होते हे
जिनके होने का एहसास बहुत कम बार होता है,
मगर उनके ना होने का एहसास बार बार होता है
मेरे पिता का एहसास सूरज की
भांति हैं, जो गर्म जरुर होता हैं
लेकिन अगर ना हो तो
अँधेरा छा जाता हैं