महफूज पड़ा है उसका नाम मेरे दिल में,,,,
सरेआम इश्क़ नुमाइश करनी मुझे नही आती।
महफूज कर भूल गया थी जाड़ो की
बात जर्सी में वो ढूंढ़ रहा अपना टूटा दांत
कितना महफूज था गुलाब काटों की गोद मे ।
लोगों की महोब्बत मे पत्ता- पत्ता बिखर गया।
कहते हैं दिल से ज्यादा महफूज जगह नहीं दुनिया में और कोई........
फिर भी ना जाने क्यों सबसे ज्यादा यहीं से लोग लापता होते हैं...!!!!
कितना महफूज़ था गुलाब काँटों की गोद में,
लोगों की मोहब्बत में पत्ता-पत्ता बिखर गया!
महफ़ूज़ था बिसात पे तब तक ही बादशाह,
जब तक कि उसके सारे पियादों में जान थी!