आपने मजबूर कर दिया,
जाने क्यों खुद से दूर कर दिया,
अब भी यही सवाल है दिल में,
हमने क्या ऐसा कसूर कर दिया ।
बहुत जालिम है और जुल्म भी बहुत करता है.
मजबूरी है हमारी जो उनसे बेपनाह प्यार करते है.
जिंदगी में कभी-कभी कुछ ऐसे रास्ते भी आते हैं
जंहा से गुजरना सिर्फ़ और सिर्फ़ मजबूरी होती हैं !!
कोई मजबूरी होगी जो वफा कर ना सके..
मेरे मेहबूब को ना शामिल करो बेवफाओ में..!!
वो करीब तो बहुत है, मगर कुछ दूरी के साथ,
हम दोनों जी तो रहे है मगर मजबूरी के साथ.