किस्मत को खराब बोलने वालों,
कभी किसी गरीब के पास बैठकर,
पूछना जिंदगी क्या है !
दिल को बड़ा सुकून आता है,
किसी गरीब की सहायता करने,
पर जब वह मुस्कुराता है !
अमीरी का हिसाब तो दिल देख के किजिए साहब,
वर्ना गरीबी तो कपडों से ही झलक जाती है !
शाम को थक कर टूटे झोपड़े में सो जाता हैवो मजदूर, जो शहर में ऊंची इमारतें बनाता है
गरीबों के बच्चे भी खाना खा सके त्योहारों मेंतभी तो भगवान खुद बिक जाते हैं बाजारों में
जो गरीबी में एक दिया भी न जला सकाएक अमीर का पटाखा उसका घर जला गया