Jai Mahakaal Shayari
पागल सा बच्चा हूँ, पर दिल से सच्चा हूँ,
थोड़ा सा आवारा हूँ पर महादेव तेरा ही दीवाना हूँ ।
ना जाने किस भेष में आकर काम मेरा कर जाता हैं,
मैं जो भी माँगू मेरा महादेव वो मुझको चुपके से दे जाता हैं ।
वही शुन्य हैं वही इकाई,
जिसके भीतर बसा शिवाय ।
हे शिवशंकर, हे भोलेनाथ,
जीतेंगे हम हर बाजी, बस देना हरपल साथ ।
जब ज़माना मुश्किल में दाल देता हैं,
तब मेरे भोले हज़ारों रास्ते निकाल देता हैं ।