अफसोस यही है जिंदगी का
की एक जिंदगी मिली
उसमे भी तू ना मिली।
Mohabbat में लाखों zakhm खाए हमने।Afsos उन्हें हम पर aitbaar नहीं।Mat पूछो क्या गुजरती है dil पर।जब वो kehte है हमें तुमसे mohabbat नहीं।
उसकी आँखों में नज़र आता है सारा जहां मुझ को,अफ़सोस कि उन आँखों में कभी खुद को नहीं देखा।