“हर बार दिल से ये पैगाम आए,
ज़ुबाँ खोलूं तो तेरा ही नाम आए,
तुम ही क्यूँ भाए दिल को क्या मालूम,
जब नज़रों के सामने हसीन तमाम आए॥”
उफ्फ..! तुम्हारे यह नखरे में पूरी जिंदगी उठाऊंगा..
महफूज़ हैं तेरे प्यार के नगमे इस दिल में,जब मन करे तो दरवाज़ा खटखटा देना। ??
उसने मुहब्बत की मुझसे ….. और …निक़ाह में किसी और को क़ुबूल किया…!