काम का महत्व एक प्रेणात्मक कहानी

एक बार एक राज्य में एक राजकुमार रहता था. उसके राज्य में बहुत खुशहाली थी, हर कोई सम्पन्न था. एक दिन राजकुमार राज्य में घूमने निकला तो उसने देखा एक बूढ़ा व्यक्ति अपना काम कर रहा था, 

राजकुमार अपने रथ से उतर गया. उसने उस बूढ़े व्यक्ति के पास जाकर पूछा की आप का क्या नाम हैं. उसने राजकुमार को नमस्कार किया और फिर अपने काम में लग गया. राजकुमार को इस बात पर बहुत गुस्सा आया, वो वापस महल में लौट आया. उसने अपने सिपाहियों को आदेश दिया कि उस बूढ़े व्यक्ति को उसके सामने पेश किया जाये. तुरंत सैनिको ने उस व्यक्ति को बंधी बनाकर ले आये. उस राजकुमार ने उस बूढ़े को बंधी बनाया हैं ये बात पूरे राज्य में फैल गयी. राजकुमार ने उस व्यक्ति को जेल में बंद कर दिया. अगले दिन राजकुमार ने उसे फांसी पर चढ़ने का निर्णय लिया. पूरी प्रजा के सामने उसने उस व्यक्ति को फांसी के फंदे के पास खड़ा कर दिया, तब उस बुड्ढे व्यक्ति ने पूछा कि राजकुमार मेरी गलती क्या हैं? राजकुमार ने कहा की कल तुमने मेरा अपमान किया था इसलिए मैं तुम्हे ये सज़ा दे रहा हूँ. तभी नगर के महाराज वहां पर आ गए, व्यक्ति ने महाराज को प्रणाम किया और महाराज को पूरी कहानी बता दी. महाराज ने राजकुमार के आदेश को तुरंत मना कर दिया और उस व्यक्ति को रिहा कर दिया और उसे बहुत सारा ईनाम भी दिया. ये देख कर राजकुमार हैरान हो गया, उसने अपने पिता से पूछा की आखिर आपने उस व्यक्ति की जान क्यों बक्श दी? राजा ने मुस्कुरसते हुए उत्तर दिया पुत्र तुम उसे सिर्फ इसलिए सज़ा दे रहे थे क्योंकि उसने कल तुम से ज्यादा बात नहीं की? जी हाँ पिताजी इसी वजह से, कल उसने मेरा अपमान किया था. नहीं पुत्र कल उसने तुम्हारा कोई अपमान नहीं किया था बल्कि तुमने उसे परेशान किया था. मैंने? हाँ तुमने! कल जब वह काम कर रहा था तब तुम ही उसके पास जाकर खड़े हो गए थे फिर भी उसने तुम्हारा आदर किया उसने तुम्हे प्रणाम किया और फिर वहीँ किया जो उसे करना चाहिए था, पुनः अपने काम में लग जाना. इससे साफ़ पता चलता हैं की वह मनुष्य इस उम्र में भी अपने कर्तव्य के प्रति कितना सजग हैं और अपना काम पूरी निष्ठा और ईमानदारी से कर रहा हैं. तुम्हे उससे सीखना चाहिए की कैसे अपने कार्यों के प्रति सजग और ईमानदार रहना चाहिए. 

हमने अपने जीवन में सफलता पाने के लिए अपने सभी कर्तव्यों का ईमानदारी और पूरी श्रद्धा के साथ पालन करना चाहिए और अपने कार्य को हर हाल में पूरा करना चाहिए.