मन छोड़ व्यर्थ की चिंता
तू शिव का नाम लिए जा
शिव अपना काम करेंगे तू
अपना काम किए जा
ॐ नम:शिवाय
सावन मास की हार्दिक शुभकामनाएं
इस दफा तो बारिशें रूकती ही नहीं,
हमने क्या आसूं पिए की मौसम रो पड़े!
Mausam hai barish ka aur yaad tumhari aati hai,
Barish ke har qatre se awaz tumhari aati hai.
ख्यालो में वही, सपनो में वहीलेकिन उनकी यादो में हम थे ही नहींहम जागते रहे दुनिया सोती रही,एक बारिश ही थी, जो हमारे साथ रोती रही..
तुम्हें पहली बारिश पसंद है और मुझे तुमतुम्हें हँसना पसंद है मुझे हँसते हुए तुम,तुम्हें हमसे बात करना पसंद है, मुझे बोलते हुए तुमतुम्हें सब कुछ पसंद हैं और मुझे बस तुम...