जब भक्ति भोजन में मिलती है, तो प्रसाद बन जाता है,
जब पानी में मिलती है, तो चरणामृत बन जाता है,
जब घर में मिलती है, तो मंदिर बन जाता है,
जब व्यक्ति में मिल जाता, तो वह भक्त बन जाता है।
जीवन में किसी को रूलाकरहवन भी करवाओगे तो कोई फायदा नहींऔरअगर रोज किसी एक आदमी को भी हंसा दियातो आपको अगरबत्ती भी जलाने की जरूरत नहीं!
कुछ रिश्तो में इन्सान अच्छा लगता है.और कुछ इन्सानों से रिश्ता अच्छा लगता है..!!
ना दूर रहने से रिश्ते टूट जाते हैं
ना पास रहने से जुड़ जाते हैं
यह तो एहसास के पक्के धागे हैं
जो याद करने से और मजबूत हो जाते हैं