लिखना था की खुश हूँ तेरेबिना पर आंसू ही गिर पड़े आँखों से लिखने से पहले।
ना दूर रहने से रिश्ते टूट जाते हैं
ना पास रहने से जुड़ जाते हैं
यह तो एहसास के पक्के धागे हैं
जो याद करने से और मजबूत हो जाते हैं
परिश्रम की मिशाल हैं, जिस पर कर्जो के निशान हैं,
घर चलाने में खुद को मिटा दिया, और कोई नही वह किसान हैं
संता- यार शादी के जोड़े कौन बनाता है????
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बंता - भगवान बनाता है????
संता - ओ तेरी की ,,,,,
मै तो दर्जी को दे आया।
.." 😜😜😜😜 😝😝😝