क्रोध हवा का वह झोंका है
जो बुद्धि के दीपक को बुझा देता है
रिश्ते चाहे कितने ही बुरे हो उन्हें
तोड़ना मत क्योंकि पानी चाहे
कतना भी गंदा हो अगर
प्यास नहीं बुझा सकता
पर आग तो बुझा सकता है
खुद की पर्वा किए बिना दिन रात अन्न उपजाता है, सलाम है इस धरती माँ के पुत्र को जिसके कारण हमारा जीवन मुस्काता है।
छत टपकती हैं, .. उसके कच्चे घर की……
फिर भी वो किसान करता हैं दुआ बारिश की..
अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए,
जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए|
जिंदगी की परीक्षा
कितनी वफादार है,
🌱🌷🌱🌷
उसका पेपर कभी
लीक नहीं होता....!!✍✍✍
क्या खूब लिखा हैं किसी ने संगत का जरा ध्यान रखना साहब🌱🌷🌱🌷
संगत आपकी ख़राब होगी और बदनाम माँ बाप और संस्कार होंगे . ... ......
|| सुप्रभात ||
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