हालात से ख़ौफ़ खा रहा हूँशीशे के महल बना रहा हूँ
कोई मिला नहीं तुम जैसा आज तक,पर ये सितम अलग है की मिले तुम भी नही
मुहमाँगा दाम दूंगा यारों
मुझे इक ऐसे काबिल
सपेरे से मिलवा दो …
कि जो आस्तीन में छुपे
साँपों को बाहर निकाल सके
जिंदगी की परीक्षा
कितनी वफादार है,
🌱🌷🌱🌷
उसका पेपर कभी
लीक नहीं होता....!!✍✍✍
क्या खूब लिखा हैं किसी ने संगत का जरा ध्यान रखना साहब🌱🌷🌱🌷
संगत आपकी ख़राब होगी और बदनाम माँ बाप और संस्कार होंगे . ... ......
|| सुप्रभात ||
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