मैं गलती करूँ तब भी मुझे सीने से लगा ले,
कोई ऐसा चाहिये जो मेरे हर नखरे उठा ले।
उड़ जायेंगे तस्वीरों से रंगो की तरह हम,वक़्त की टहनी पर हैं परिंदो की तरह हम।
मैं कुछ लम्हा और तेरे साथ चाहता था;
आँखों में जो जम गयी वो बरसात चाहता था;
सुना हैं मुझे बहुत चाहती है वो मगर;
मैं उसकी जुबां से एक बार इज़हार चाहता था।
ज़िदगी जीने के लिये मिली थी,
लोगों ने सोच कर गुज़ार दी……
ना जाने क्या अपनापन हैं तेरी बातों में,
के हर पल ये दिल… ❤
तुम्हें मिलने के लियें पागलपन करता हैं…