एहसास ने एहसास को क्या छुआ,
वो दिल में उतर कर रूह में समा गए!
ऐ खुदा लोग बनाये थे पत्थर के अगर,
मेरे एहसास को शीशे का न बनाया होता।
बहुत दूर है तुम्हारे घर से हमारे घर का किनारा,पर हम हवा के हर झोंके से पूछ लेते हैं क्या हाल है तुम्हारा।
लगता है मैं 💁🏻♂️भूल चुका हूँ मुस्कुराने 🤗 का हुनर…
कोशिश जब भी करता हूँ आँसू 😥 निकल आते हैं..!
आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा
कश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा
पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला
मैं मोम हूँ उसने मुझे छू कर नहीं देखा