न बात हुई न ऐतबार किया, न ज़िक्र किया
न इज़्हार किया,
सज़दे किए, इंतेज़ार किया, तुझे छुआ नहीं
पर प्यार किया..
लाखों तूफान उठे है इस दिल में
तुजे देखने के बाद
काश
जुल्फों की काली घटाओं से ढक पाऊ
ये चाँद सा चेहरा तेरा
तेरी मोहब्बत को तो पलकों पर सजायेंगे;
मर कर भी हर रस्म हम निभायेंगे;
देने को तो कुछ भी नहीं है मेरे पास;
मगर तेरी ख़ुशी मांगने हम खुदा तक भी जायेंगे।
Hath ke lakiro par aitbar kar lena,Bharosa ho to kisi se pyar kar lena,Khona pana to nasibo ka khel hain,Khushi milegi bs thoda intjar kr lena.