बहारों में बहार बसंत मीठा मौसम
मीठी उमंग रंग बिरंगी उड़ती आकाश में पतंग
तुम साथ हो तो है इस ज़िंदगी का
और ही रंग हैप्पी बसंत पंचमी
बलबुध्धि विद्या देहू मोहि
सुनहु सरस्वती मातु
राम सागर अधम को
आश्रय तूही देदातु!!
उड़े पतंग आस्मां में सबकी निराली
पीली, लाल, हरी, नीली और काली,
आओ मिलकर हम सब वसंत मनाएं,
द्वार पर अपने रंगीली रंगोली सजाएं।
मां सरस्वती का वरदान हो आपको
हर दिन नई मिले ख़ुशी आपको
दुआ हमारी है खुदा से ऐ दोस्त
जिन्दगी में सफलता हमेशा मिले आपको
बसंत पंचमी की बधाई
लो बसंत फिर आई, फूलों पर रंग लायी,
बजे जल तरंग मन पर उमंग छायी लो वसंत फिर आई।