“नज़रे मिले तो प्यार हो जाता है !
पलके उठे तो इजहार हो जाता है !
ना जाने क्या कशिश है चाहत मैं !
की कोई अंजान भी हमारी जिंदगी का हकदार हो जाता है।
ये दबदबा,ये हुकुमत,ये नशा, ये दौलतें………
सब किरायदार है, घर बदलते रहते हैं……
अपना समझो या बेगाना,
हमारा आपका हैं रिश्ता पुराना,
इसलिए मेरा फ़र्ज हैं आपको बताना,
ठंड आ गयी हैं, कृपया रोज मत नहाना.
वतन हमारा ऐसा कोई न छोड़ पाये,रिश्ता हमारा ऐसा कोई न तोड़ पाये,दिल एक है एक है जान हमारी,हिंदुस्तान हमारा है हम इसकी शान है.
खन खना खन है ख्यालों मेंजरुर आज उसने कंगन पहने होंगे