रात को दिन, दिन को रात,
सुबह को शाम समझ बैठा हूं,
कुछ भी खोया हूं तेरे प्यार में,
मेरी जान तेरे नाम कर बैठा हूं 😋
“आँखों से दूर दिल के करीब था,
में उस का वो मेरा नसीब था.
न कभी मिला न जुदा हुआ,
रिश्ता हम दोनों का कितना अजीब था.”
तमन्नाओ की महफ़िल तो हर कोई सजाता है ,
ए दोस्तों.....
लेकिन पूरी उसकी ही होती है जो तक़दीर लेकर आता है .
Teri Kami Khalti Rahti Hai Sada,
Ek Be Naam Tasweer Ki Tarah.
सपनो से दिल लगाने की आदत नहीं रही,
हर वक्त मुस्कुराने की आदत नहीं रही,
ये सोच के की कोई मनाने नहीं आएगा,
हमें रूठ जाने की आदत नहीं रही |