मौत तो नाम से ही बदनाम है,
वरना तकलीफ तो जिन्दगी ही देती है।
तेरी साँसों में बिखर जाऊं तो अच्छा है,
बन के रूह तेरे जिस्म मे उतार जाऊं तो अच्छा है,
किसी रात तेरी गोद में सर रख कर सो जाऊं,
उस रात की कभी सुबह ना हो तो अच्छा है
पहली मुलाकात में ये ऐसा हुआ अहसास,
उनके मुहब्बत के दो शब्द थे बहुत खास.
आखिरी मुलाकात में कुछ कहना ही था उनसे,
हम सोचते ही रह गए की गुजर गया साल.
HAPPY NEW YEAR 2021
आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा
कश्ती के मुसाफ़िर ने समुंदर नहीं देखा
सदा दूर रहो गम की परछाई से
सपना न हो कभी तन्हाइयों से
हर अरमान हर ख़्वाब पूरा हो आपका
यही दुआ है दिल की गहराइयों से