रखते है हम सफर में सामान बहुत,
जरा सी जिन्दगी और अरमान बहुत.
चाहा है तुम्हें अपने अरमान से भी ज्यादा, लगती हो हसीन तुम मुस्कान से भी ज्यादा, मेरी हर धड़कन हर साँस है तुम्हारे लिए, क्या माँगोगे जान मेरी जान से भी ज्यादा।
मेरी ज़िन्दगी की ये सबसे बड़ी तमन्ना हैं, मेरे पास रहो तुम हमेशा मेरी साँस बनके।
जब यार मेरा हो पास मेरे, मैं क्यूँ न हद से गुजर जाऊँ, जिस्म बना लूँ उसे मैं अपना, या रूह मैं उसकी बन जाऊँ।
हमे बेवफा बोलने वाले
आज तू भी सुनले,
जिनकी फितरत ‘बेवफा’
होती है,
उनके साथ कब ‘वफा’ होती है!!