खुदा को माफी है
तू दे दिया इतना काफी है
वादे पे वो ऐतबार नहीं करते,हम जिक्र मौहब्बत सरे बाजार नहीं करते,डरता है दिल उनकी रुसवाई से,और वो सोचते हैं हम उनसे प्यार नहीं करते |
Hum toh fanaah ho gaye uski ankhen dekh kar Ghalib,Na jane woh Aaina kaise dekhte honge.
इस दिल को किसी की आहट की आस रहतीहै, निगाह को किसी सूरत की प्यास रहती है,तेरे बिना जिन्दगी में कोई कमी तो नही, फिरभी तेरे बिना जिन्दगी उदास रहती है॥
Is qadarr tora hai mujhe uss ke bewafayi ne "ghalib"
Ab koi agar pyar se bhi dekhahai to bikhar jata hoon main.