एक झूठ को सच मानकर जीते रहना,
आसान नहीं भरोसे को भरोसा दिलाते रहना....
Hum toh fanaah ho gaye uski ankhen dekh kar Ghalib,Na jane woh Aaina kaise dekhte honge.
Humne to khud se inteqam lia ,
Tumne kya soch kar humse mohabbat ki?
घमंड ही नहीं गुरुर है अपने किसान होने का।
बढ़ रही हैं कीमते अनाज की,
पर हो न सकी विदा बेटी किसान की
परिश्रम की मिशाल हैं, जिस पर कर्जो के निशान हैं,
घर चलाने में खुद को मिटा दिया, और कोई नही वह किसान हैं