प्यार करता हु इसलिए फ़िक्र करता हूँ, नफरत करुगा
तो जिक्र भी नही करुगा
Suruaat Se Dekhne Ki Aadat He Hume..Chahe Vo Film Ho Ya Dushman Ki Barbadi..
देखकर मेरी आँखें एक फकीर कहने लगा,
पलकें तुम्हारी नाज़ुक है,
खवाबों का वज़न कम कीजिये...!
हम आज भी शतरंज़ का खेलअकेले ही खेलते हे ,क्युकी दोस्तों के खिलाफ चालचलना हमे आता नही ..।
Yeh Mat Samajh Tere Kabil Nahi Hain Hum,Tadap Rahe Hain Woh Jinhein Haasil Nahi Hain Hum.