थकान भरी है जिंदगी
पर मुझे अब खुद से छुट्टी चाहिये
आँख से दूर न हो दिल से उतर जाएगा
वक़्त का क्या है गुज़रता है गुज़र जाएगा
ये कैसा सरूर है तेरे इश्क का मेरे मेहरबाँ,
सँवर कर भी रहते हैं बिखरे बिखरे से हम!
तय है बदलना, हर चीज बदलती है इस जहां में,
किसी का दिल बदल गया, किसी के दिन बदल गए।
फिर से मिले वो आज अजनबी से बनकर,और हमें आज फिर से मोहब्बत हो गई।