ठंड की धूप,तुम्हारे चेहरे से टकराई,बर्फ हुए दिल में,फिर से जान आ गई l
Tum Mujhe Kabhi Dil Se Kabhi Aankhon Se Pukaaro,
Yeh Hontho Ke Takalluf Toh Zamaane Ke Liye Hain.
अब तुझे न सोचू तो, जिस्म टूटने-सा लगता है..
एक वक़्त गुजरा है तेरे नाम का नशा करते~करते !
फिर से मिले वो आज अजनबी से बनकर,और हमें आज फिर से मोहब्बत हो गई।
सोचा था तुझपे प्यार लुटाकर तेरे दिल में घर बनायेंगे…..हमे क्या पता था दिल देकर भी हम बेघर रह जाएँगे.…..