हवा का झोंका आया तेरी खुशबू साथ लाया,
मैं समझ गया की तू आज फिर नहीं नहाया।
उसको चाहा पर इजहार करना नही आया,
कट गयी उम्र हमें प्यार करने नही आया,
उसने कुछ माँगा भी तो मागी रजाई,
और हमे इंकार करना नही आया....
सर्दी के मौसम का मजा अलग सा है,
रात मे रजाई का मजा अलग सा है.
धुंध ने आकर छिपा लिया सितारों को,
आपकी जुदाई का ऐहसास अब अलग सा है
दिल की धडकने रुक सी गई हैं,
साँसे मेरी धम सी गई हैं.
पुछा हमने दिल के डाक्टर से.
तो पता चला सर्दी के कारण आपकी यादें.
दिल में जम सी गई हैं
क्यूँ किसी की यादों को सोच कर रोया जाए,
क्यूँ किसी के ख्यालों में यूँ खोया जाए,
बाहर मौसम बहुत ख़राब हैं,
क्यूँ न रजाई तानकर सोया जाए...