चलो आज इस जमीं को फिर से जन्नत बनाते हैं,
रोज न सही आज दो चार पौधे लगाते हैं।
पर्यावरण दिवस की शुभकामनाएं
परिश्रम वह चाबी है
जो सौभाग्य के द्वार खोलती है
मदद करना सीखिये
फायदे के बगैर
मिलना जुलना सीखिये
मतलब के बगैर
जिन्दगी जीना सीखिये
दिखावे के बगैर
और
मुस्कुराना सीखिये
सेल्फी के बगैर!
अच्छाई और बुराई दोनों हमारे अंदर हैं
जिसका अधिक प्रयोग करोगे वो उभरती व निखरती जायगी
आपके हाथों से कोई छीन सकता है
लेकिन जो नसीब में है उसे कोई नहीं छीन सकता...