चलो आज इस जमीं को फिर से जन्नत बनाते हैं,
रोज न सही आज दो चार पौधे लगाते हैं।
पर्यावरण दिवस की शुभकामनाएं
यकीन और दुआ नज़र नहीं आते मगर,
नामुमकिन को मुमकिन बना देते हैं।
स्वयं को ऐसा बनाओ, जहाँ तुम हो, वहां तुम्हें सब प्यार करे,
जहाँ से तुम चले जाओ, वहां सब तुमें याद करें,
जहाँम पहुँचने वाले हो, वहां सब तुम्हारा इंतज़ार करें।
बिना कुछ किये ज़िन्दगी गुज़ार देने से कहीं अच्छा है
ज़िन्दगी को गलतियां करते गुज़ार देना
जीवन बहती नदी है, अतः हर परिस्थिति में आगे बढे
जहा कोशिश का कद बड़ा होता है
वह नसीबो को भी झुकना पड़ता है