पेड़-पौधों को जो इस तरह करोगे नष्ट ऑक्सीजन कम
मिलेगा और सांस लेने में होगा कष्ट।
विश्व पर्यावरण दिवस की शुभकामनाएं
अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए,
जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए|
कुछ लोग ज़िन्दगी होते हैं,
कुछ लोग ज़िन्दगी में होते हैं,
कुछ लोगों से ज़िन्दगी होती है,
पर कुछ लोग होते हैं, तो ज़िन्दगी होती है।
वर्षों से दहलीज़ पर कड़ी वो मुस्कान है,
जो हमारे कानो में धीरे से कहती है,
“सब अच्छा होगा”
इंसान हर घर में जन्म लेता है
लेकिन इंसानियत कहीं कहीं ही जन्म लेती है