आस और काश में ही लोग दूसरों के लिए काम कर के गुजार देते है
सपने तो मेरे थे पर उनको पूरा करने का रास्ताकोई और दिखाए जा रहा था और वो थे मेरे पापा….
सपने तो मेरे थे पर उनको पूरा करने का रास्ता
कोई और दिखाए जा रहा था और वो थे मेरे पापा….
Hum toh fanaah ho gaye uski ankhen dekh kar Ghalib,Na jane woh Aaina kaise dekhte honge.
यकीन और दुआ नज़र नहीं आते मगर,
नामुमकिन को मुमकिन बना देते हैं।
यदि आप डर पर विजय पाना चाहते हैं तो घर बैठे उसके बारे में सोचिये मत. बाहर निकालिए और अपने काम मे व्यस्त हो जाइये।