मीलों का सफर एक पल में बर्बाद हो गया…
जब अपनों ने कहा कहो कैसे आना हुआ…!!
अगर कभी थक जाओ तो हमसे कहना,
हम उठा लेंगे तुमको अपनी इन बाहों में,
आप एक बार प्यार करके तो देखो हमसे,
हम सारी खुशियां बिछा देंगे आपकी राहों में.
मेरे “शब्दों” को इतने ध्यान से ना पढ़ा करो दोस्तों,
कुछ याद रह गया तो.. मुझे भूल नहीं पाओगे!
मैं तमाम दिन का थका हुआ,
तू तमाम शब का जगा हुआ,
ज़रा ठहर जा इसी मोड़ पर,
तेरे साथ शाम गुज़ार लूँ।
हम आज भी शतरंज़ का खेलअकेले ही खेलते हे ,क्युकी दोस्तों के खिलाफ चालचलना हमे आता नही ..।