तेरे ख़त की इबारत की मैं स्याही बन गयाहोता तो चाहत की डगर का मैं भी राहीबन गया होता !
तेरे ख़त की इबारत की मैं स्याही बन गया
होता तो चाहत की डगर का मैं भी राही
बन गया होता !
तू मेरे दिल पे हाथ रख के तो देख,
मैं तेरे हाथ पे दिल ना रख दूँ तो कहना..!!
वो शायद मतलब से मिलते हैं,
मुझे तो मिलने से मतलब है.!
सुना है, खुदा के दरबार से कुछ फ़रिश्ते फरार हो गए,
कुछ तो वापस चले गए, और कुछ हमारे यार हो गए
लगता है मेरा खुदा मेहरबान है मुझ पर …
मेरी दुनिया में तेरी मौजूदगी यूँ ही तो नहीं है …