अंदाज़ भी निराला है उनका
वो हो कर खफा मुझ से
मेरे गुमशुदगी की वजह पूछते हैं
तुम्हारी दुनिया से चले जाने के बाद
हम तुम्हें हर एक तारे में नजर आया करेंगे
तुम हर पल कोई दुआ माँग लेना
और हम हर बार टूट जाया करेंगे
“तुम आए ज़िंदगी मे कहानी बन कर,
तुम आए ज़िंदगी मे रात की चाँदनी बन कर,
बसा लेते है जिन्हे हम आँखो मे,
वो अक्सर निकल जाते है आँखो से पानी बन कर”
दो मुलाकात क्या हुई हमारी तुम्हारी,निगरानी में सारा शहर लग गया।
उड़ जायेंगे तस्वीरों से रंगो की तरह हम,वक़्त की टहनी पर हैं परिंदो की तरह हम।