लाल रंग की चुनरी से सजा माँ का दरबार,
हर्षित हुआ मन, पुलकित हुआ संसार,
नन्हें-नन्हें क़दमों से माँ आए आपके द्वार…..
इस नवरात्रि यही हैं हमारी दुआ…
“जय माता दी” हैप्पी नवरात्रि
चाँद तारो से रात जगमगाने लगी,
फूलों की खुश्बू से दुनिया महकने लगी,
सो जाइये रात हो गयी है काफ़ी,
निंदिया रानी भी आपको देखने है आने लगी
गैर ले महफ़िल में बोसे जाम के
हम रहें यूँ तश्ना-ऐ-लब पैगाम के
खत लिखेंगे गरचे मतलब कुछ न हो
हम तो आशिक़ हैं तुम्हारे नाम के
इश्क़ ने “ग़ालिब” निकम्मा कर दिया
वरना हम भी आदमी थे काम के
ज़िदगी जीने के लिये मिली थी,
लोगों ने सोच कर गुज़ार दी……
कुछ यूँ उतर गए हो मेरी रग-रग में तुम,
कि खुद से पहले एहसास तुम्हारा होता है।