आदतन तुमने कर दीए वादे,
आदतन हमने एतबार किया…
तेरी राहों में बारहाँ रुक कर,
हमने अपना ही इंतज़ार किया…
अब ना मांगेंगे ज़िन्दगी या रब,
यह गुनाह हमने जो एक बार किया…!!
Reh na paoge bhula kar dekh lo,
Yakin na aaye to aajma kar dekh lo,
Har jagah mehsus hogi meri kami,
Apni mehfil ko kitna bhi saja kar dekh lo…
एहसान करो तो दुआओ में मेरी मौत मांगना
अब जी भर गया है जिंदगी से !
एक छोटे से सवाल पर
इतनी ख़ामोशी क्यों ….?
बस इतना ही तो पूछा था-
“कभी वफ़ा की किसी से…
Raat Karwaten Badal Kar Guzar Jati Hai
Teri Baahon Me Soone Ko Ji Chahta Hai
Na Jane Ye Ishq Ki Kaun Si Manzil Hai
Har Waqt Tujh Pe,Jaan Nichawar Karne Ko Ji Chahta Hai.!
मैंने कहा की बहुत प्यार आता है तुम पर,
वो मुस्कुरा की बोले और तुम्हे आता ही क्या है......
चलो अच्छा हुआ काम आ गयी दीवानगी अपनी,
वरना हम ज़माने भर को अपनी मोहब्बत समझाने कहाँ जाते?