Tumhare ishq se bani hoon main ...
pehle zinda thi ... ab jee rahi hoon main
सर्दी के मौसम का मजा अलग सा है,
रात मे रजाई का मजा अलग सा है.
धुंध ने आकर छिपा लिया सितारों को,
आपकी जुदाई का ऐहसास अब अलग सा है
किसी भी मुशकिल का अब किसी को हल नही मिलता ,
शायद अब घर से कोई माँ के पैर छूकर नही निकलता
खामोश चेहरे पर हजार पहरे होते है,हंसती आंखों में भी जख्म गहरे होते है,जिनसे अक्सर रूठ जाते है हम,असल में उनसे ही रिश्ते गहरे होते है!
Mujhe mere Kal ki Fikar Aaj bhi nahi hai..
Par Khuwahish tO tujhe Paane ki Qayamat tak rahegi..