वेदान्त कोई पाप नहीं जानता, वो केवल त्रुटी जानता हैं और वेदान्त कहता है कि सबसे बड़ी त्रुटी यह कहना है कि तुम कमजोर हो, तुम पापी हो, एक तुच्छ प्राणी हो, और तुम्हारे पास कोई शक्ति नहीं है और तुम ये-वो नहीं कर सकते.
As a teenager you are at the last stage in your life when you will be happy to hear that the phone is for you.
in your life when you will be happy to
hear that the phone is for you.
चाहत तुम्हारी - रविवार की तरहहकीकत जिंदगी - सोमवार की तरह...!!
मुझे नहीं पता कि मैं एक बेहतरीन दोस्त हूँ या नहीं,
लेकिन मुझे पूरा यकीन कि जिनके साथ मेरी दोस्ती है…
वे बहुत बेहतरीन हैं।
अमर वही इंसान होते हैं
जो दुनियां को कुछ देकर जाते हैं