हमारी तड़प तो कुछ
भी नही है हुजुर
सुना है कि उसके दिदार के
लिए तो आईना भी तरसता है
हसरत है सिर्फ तुम्हें पाने की,और कोई ख्वाहिश नहीं इस दीवाने की,शिकवा मुझे तुमसे नहीं खुदा से है,क्या ज़रूरत थी, तुम्हें इतना खूबसूरत बनाने की!
गलत सुना था कि
मोहब्बत आँखों से होती है,
दिल तो वो भी चुरा लेते हैं
जो पलकें नहीं उठाते!!
ḳhud apne aap se lenā thā intiqām mujhemaiñ apne haath ke patthar se sañgsār huā